Yaas Cyclone । DEEP DEPRESSION । South Jharkhand । Cycone Affects on West Bengal & Odisha । Live Updates | झारखंड के 21 जिलों में 24 घंटे से बारिश जारी, 200 गांवों की बिजली गुल; बिहार के 26 जिलों में अलर्ट
- Hindi News
- National
- Yaas Cyclone । DEEP DEPRESSION । South Jharkhand । Cycone Affects On West Bengal & Odisha । Live Updates
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पटना/रांची2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाती इंडियन कोस्ट गार्ड की टीम।
बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाने वाले यास तूफान ने बुधवार रात 1 बजे के करीब पश्चिमी सिंहभूम से झारखंड में प्रवेश किया। इस समय हवा की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे थी। तूफान के कारण रांची सहित झारखंड के 21 जिलों में 24 घंटे से बारिश हो रही है। जमशेदपुर और धनबाद में तेज हवाएं चलने से कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। इससे 200 गांवों में अंधेरा छाया रहा।
मौसम विभाग IMD ने 28 मई तक पूरे राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। तूफान गुरुवार सुबह 5.30 बजे दक्षिणी झारखंड पहुंचकर कमजोर हुआ और डीप डिप्रेशन में तब्दील होना शुरू हो गया। यहां से तूफान उत्तर की तरफ बढ़ रहा है। ये धीरे-धीरे कमजोर होता जाएगा। तूफान के कारण बिहार के 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यास तूफान बुधवार सुबह करीब 9 बजे ओडिशा के भद्रक जिले से टकराया था। दोपहर करीब 1.30 बजे कमजोर पड़कर वह ‘बेहद खतरनाक’ से ‘खतरनाक’ की श्रेणी में बदल गया।
बिहार के कई जिलों में बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक तूफान गुरुवार शाम 5.30 बजे तक पटना पहुंचेगा। पटना में 160 और दूसरे इलाकों में 255 मिमी बारिश के आसार हैं। इस दौरान 40 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।IMD के मुताबिक बिहार में गुरुवार रात से पारा में गिरेगा। 28 से दिन और रात के तापमान में 13 डिग्री तक गिरावट हो सकती है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 29 और न्यूनतम 23 डिग्री रहने का अनुमान है। तूफान बांका, जमुई, कटिहार, लखीसराय, भागलपुर होते हुए राज्य के अन्य भागों में असर दिखाएगा। इससे पटना सहित 26 जिलों में भारी बारिश की आशंका है। इससे पहले बुधवार को बांका, जमुई, लखीसराय और कहलगांव में 80 मिमी बारिश दर्ज की गई। पटना में 1.9 मिमी, गया में 31 मिमी, भागलपुर में 9.9 मिमी और पूर्णिया 3.5 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
झारखंड में बारात ले जा रही बोलेरो बाढ़ में बही
तूफान के चलते पूरे झारखंड में 201 शेल्टर होम बनाए गए। पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा में 2051 और धालभूमगढ़ में 600 लोगों को शेल्टर होम भेजा। धनबाद में बुधवार देर रात तक 15 मिमी बारिश हुई। लातेहार जिले के तूपु हेसला गांव की धरधरी नदी में बुधवार शाम अचानक बाढ़ आ गई। इस बीच नदी पार कर रही बारातियों से भरी बोलेरो बाढ़ की चपेट में आ गई। बारातियों सहित ड्राइवर ने गाड़ी से कूदकर जान बचाई।
बंगाल और ओडिशा में 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
समुद्री तूफान यास की वजह से बंगाल और ओडिशा में 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। यहां बुधवार को 130-145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। बारिश और घरों के टूटने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई। इनमें 3 ओडिशा और एक बंगाल से है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भुवनेश्वर के बीजू पटनायक एयरपोर्ट एयरपोर्ट पर शाम करीब 7 बजे से उड़ानें दोबारा शुरू हो गईं। यह एयरपोर्ट तूफान की वजह बंद कर दिया गया था। बंगाल में विशेषकर पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा, शंकरपुर, मंदारमनी दक्षिण 24 परगना जिले के बाद बकखाली, संदेशखाली, सागर, फ्रेजरगंज, सुंदरबन आदि जगहों से लेकर पूरे बंगाल में 3 लाख लोगों के घर इस तूफान से उजड़ गए हैं। 134 बांध टूट गए हैं, जिन्हें ठीक करवाया जा रहा है। ममता 28 और 29 मई को हेलिकॉप्टर द्वारा तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी।
ओडिशा के मयूरभंज जिले में चक्रवात अभी भी सक्रिय
ओडिशा के मयूरभंज जिले में चक्रवात अभी भी सक्रिय है। बालासोर जिले के जलेश्वर, बस्ता और सोरो के साथ भद्रक और केंद्रपाड़ा जिलों के कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ का असर रहा है। भितरकनिका और राजकनिका जैसे क्षेत्रों में भी यही हाल है। इन इलाकों में बिजली सप्लाई ठीक करने में 3 दिन से 6 दिन का समय लग सकता है। बालासोर, भद्रक, जाजपुर और केंद्रपाड़ा कस्बों में भी बिजली सप्लाई ठीक करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। भुवनेश्वर और कटक जिले के ज्यादातर इलाकों में बिजली व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है।
जलपाईगुड़ी में भूकंप भी आया
यास तूफान ने बुधवार को भारत के पूर्वी तटों पर दस्तक दी। बंगाल के जलपाईगुड़ी में दोपहर के वक्त पहुंचा और इसी दौरान 3.8 तीव्रता का भूकंप भी रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद यास ओडिशा पहुंचा, जहां भारी बारिश और तेज हवाएं चलने लगीं। इससे पहले 1 लाख लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है।