know what is your risk if both parent or either one has diabetes | Diabetes risk: अगर माता-पिता में से किसी एक या दोनों को शुगर है, तो आपको डायबिटीज का खतरा कितना है?

नई दिल्ली: डायबिटीज की बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में शुगर की बीमारी के तौर पर जाना जाता है. जिन लोगों के परिवार में किसी को डायबिटीज की बीमारी (Diabetes) हो खासकर माता-पिता में से किसी एक को तो बच्चे में भी शुगर होने का खतरा काफी अधिक होता है. रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि अगर माता-पिता में से किसी को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) हो तो बच्चे में भी इस बीमारी के होने का जोखिम 4 गुना अधिक होता है और अगर माता-पिता दोनों को टाइप 2 डायबिटीज हो तो बच्चे में भी यह बीमारी होने का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इसका कारण है माता-पिता से मिलने वाली जीन्स.

टाइप 1 डायबिटीज ज्यादातर जेनेटिक होती है

डायबिटीज 2 तरह की होती है- टाइप 1 और टाइप 2. सबसे पहले बात टाइप 1 डायबिटीज की जो एक Autoimmune बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर ही हमला करने लगता है. कुछ साल पहले तक ऐसा माना जाता था कि टाइप 1 डायबिटीज पूरी तरह से Genetic बीमारी है. हालांकि बाद में कई मरीज ऐसे भी मिले जिनके परिवार में किसी को भी टाइप 1 डायबिटीज नहीं था. 

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टाइप 2 डायबिटीज लाइफस्टाल की वजह से भी हो सकती है

टाइप 2 डायबिटीज शुगर की सबसे कॉमन बीमारी है और डायबिटीज के करीब 90 प्रतिशत केस टाइप 2 डायबिटीज के ही होते हैं. हेल्थ वेबसाइट मेडिकल न्यूज टुडे डॉट कॉम की मानें तो टाइप 1 की ही तरह टाइप 2 डायबिटीज में भी अगर परिवार में से किसी को यह बीमारी हो तो बच्चे में भी इसका खतरा रहता है. इसमें Genes का अहम रोल तो है लेकिन कई बार लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टर्स की वजह से भी डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. फैमिली हिस्ट्री के अलावा टाइप 2 डायबिटीज के ये जोखिम कारक हैं-
1. वजन अधिक होना या मोटापा
2. फिजिकल एक्टिविटी न करना
3. खून में फैट और कोलेस्ट्ऱॉल का लेवल अधिक होना
4. हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी
5. महिलाओं में होने वाली बीमारी पीसीओएस

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बीमारी के खतरे को कम कैसे करें?

टाइप 1 डायबिटीज को होने से पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता लेकिन बच्चे में इस बीमारी का खतरा कम हो इसके लिए:
-कम से कम 6 महीने तक नवजात शिशु को सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं
-बचपन में जहां तक संभव हो बच्चे को इंफेक्शन होने से बचाएं, साफ-सफाई का भी ध्यान रखें
-डॉक्टरों द्वारा बताए गए सभी टीके बच्चे को लगवाएं   

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वहीं टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपने वजन को कंट्रोल में रखें. अगर आप मोटापे का शिकार हैं तो 5 से 7 प्रतिशत तक वजन कम करें, वैसे सभी लोग जिन्हें डायबिटीज का रिस्क है उन्हें हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना चाहिए.

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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