Four powerful countries will come on the stage for the first time in the quad meeting, a strategy can be made on supplying vaccines across the world | चार देशों की मीटिंग में मोदी ने कहा- हम दुनिया की बेहतरी के लिए साथ आए, हमारा विजन वसुधैव कुटुंबकम का है
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नई दिल्ली9 मिनट पहले
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QUAD का पूरा नाम क्वाड्रिलेट्रेल सेक्युरिटी डायलॉग है। ये भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक अनऑफिशियल स्ट्रेटेजिक ग्रुप है।
चीन पर नकेल कसने के लिए बने चार देशों के क्वाड ग्रुप की वर्चुअल बैठक शुक्रवार शाम को शुरू हुई। बैठक में मोदी ने सबसे पहले अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा वैक्सीन, क्लाइमेट चेंज और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को कवर करता है। हम साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने, धर्मनिरपेक्ष, स्थिर और समृद्ध इंडो पैसिफिक के लिए मिलकर काम करेंगे। मैं इस पॉजिटिव विजन को भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विस्तार के रूप में देखता हूं, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में मानता है।
बाइडेन बोले- वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग के नई साझेदारी होगी
वर्चुअल मीटिंग में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स आपके और इस रीजन में अपने सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह ग्रुप खास तौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका फोकस व्यावहारिक समाधान और ठोस नतीजों पर है। हम सभी देशों के भविष्य के लिए फ्री इंडो-पैसिफिक एरिया महत्वपूर्ण है। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए हम एक नया मैकेनिज्म लाने जा रहे हैं।
बाइडेन ने कहा कि हम मिलकर एक बड़ी साझेदारी की शुरुआत कर रहे हैं, जिससे दुनियाभर की भलाई के लिए वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। इस साझेदार से पूरे इंडो-पैसिफिक एरिया में वैक्सीनेशन भी ज्यादा मजबूत तरीके से चलाया जा सकेगा।
ऑस्ट्रेलिया के PM ने नमस्ते के साथ भाषण शुरू किया
ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने ‘नमस्ते’ के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में इंडो-पैसिफिक एरिया ही दुनिया की तकदीर का फैसला करेगा। दुनिया के चार महान लोकतांत्रिक देशों के लीडर्स के तौर पर हमारी पार्टनरशिप शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाएगी। इसके लिए इस रीजन के कई देशों को साथ आकर काम करना होगा।
जापान के PM ने कहा- इंडो-पैसिफिक में शांति जरूरी
इस मीटिंग में जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि हमारा कमिटमेंट फ्री हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर है। हम इस इलाके में शांति और स्थिरता चाहते हैं। इसके लिए चारों देशों का साथ जरूरी है।
क्वाड ग्रुप की अहमियत क्यों है?
क्वाड ग्रुप की वर्चुअल बैठक में मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा ले रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार किसी इंटरनेशनल मंच का हिस्सा बने हैं।
दुनियाभर के देशों की निगाह इस बैठक पर टिकी है। बैठक में दुनियाभर में वैक्सीन ड्राइव और उसकी पूर्ति जैसे गंभीर मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। इस ग्रुप का गठन 2007 में हुआ था, लेकिन ऐसा पहली बार है जब चारों देश एक साथ बैठक कर रहे हैं। इस ग्रुप का गठन चीन के बढ़ते प्रभाव और दबदबे को कम करने के लिए हुआ है।
गिरती अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में कोरोना, इकोनॉमी और सामरिक मुद्दों पर चर्चा होनी है। इसमें कोरोना के संकट से कैसे उबरा जाए और कैसे गिरती अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए। इस बैठक में चारों देश जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा करेंगे। इन सभी देशों के चीन से रिश्ते सही नहीं रहे हैं।
एक रिपोर्ट अनुसार, भारत वैक्सीन बनाने के मामले में सबसे अग्रणी राष्ट्र है। दुनियाभर के देशों को भारत वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है। इस वजह से भी क्वाड के सदस्यों का साथ भारत को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन को लेकर सभी देशों में समझौता भी हो सकता है।
अमेरिकी की दवा कंपनियों नोवावैक्स और जॉनसन के साथ भारत की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां वित्तीय समझौता कर सकती हैं। इस बैठक में कोरोना वायरस के नए रूप से लड़ने और वैक्सीनेशन में तेजी लाने को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है।
हिंद- प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को लेकर हो सकती है बात
बैठक को लेकर प्रधानतमंत्री ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। बयान के अनुसार, क्वाड समूह के नेता साझा हित से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति बनाए रखने के लिए चारों देश अपने विचार रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया पर मीटिंग में शामिल होने की जानकारी दी।
क्या है QUAD?
QUAD का पूरा नाम क्वाड्रिलेट्रेल सिक्योरिटी डायलॉग है। ये भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक अनऑफिशियल स्ट्रेटेजिक ग्रुप है। इसका गठन 2007 में हुआ था। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री केविन रूड ग्रुप से हट गए थे। तब से ग्रुप एक्टिव नहीं था। चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगुवाई में यह ग्रुप फिर से एक्टिव हुआ।