Mehbooba Mufti Twitter Update | Jammu And Kashmir Former Chief Minister Under House Arrest By Police | PDP चीफ बोलीं- फर्जी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्ति के परिवार से मिली तो नजरबंद कर दिया, कारण पूछा तो चुप्पी साध ली
- Hindi News
- National
- Mehbooba Mufti Twitter Update | Jammu And Kashmir Former Chief Minister Under House Arrest By Police
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
श्रीनगर3 घंटे पहले
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP की चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो जारी कर उन्हें नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया है। महबूबा ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने की कोशिश के दौरान उन्हें हमेशा की तरह घर में नजरबंद कर दिया गया है। सरकार के कुछ लोग मेरे घर आए और मुझे बाहर जाने से रोका गया। मैंने जब उनसे कारण पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
महबूबा ने कहा कि एक बार फिर से एक मासूम अतहर को मार दिया गया। मैं उसके परिवार से मिलना चाहती थी, लेकिन उससे पहले ही मेरे घर पर सरकार के अधिकारी पहुंच गए और मुझे बाहर जाने से रोक दिया। अतहर के पिता ने जब अपने बेटे के शव की मांग की तो प्रशासन ने उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधी कानून (UAPA) के तहत केस दर्ज कर दिया।
एक तस्वीर को शेयर करते हुए महबूबा ने कहा कि कश्मीर में दमन का शासन है, जिसे भारत सरकार देश के बाकी हिस्सों से छिपाना चाहती है। एक 16 साल का युवक मारा जाता है और परिवार को अंतिम संस्कार करने का अधिकार और मौका देने से इनकार कर दिया जाता है।
महबूबा ने 2.06 मिनट का वीडियो जारी किया
महबूबा ने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया है। 2.06 मिनट के इस वीडियो में कुछ अधिकारी महबूबा के घर आते हैं। जब महबूबा घर से बाहर निकलती हैं तो उन्हें रोका जाता है। महबूबा अधिकारियों से रोकने का कारण भी पूछ रही हैं। इसके अलावा महबूबा अधिकारियों से कई सवाल पूछ रही हैं।
Placed under house arrest as usual for trying to visit the family of Athar Mushtaq killed allegedly in a fake encounter. His father was booked under UAPA for demanding his dead body. This the normalcy GOI wants to showcase to the EU delegation visiting Kashmir. pic.twitter.com/xFkcqTGQyV
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 13, 2021
14 महीने रह चुकी हैं नजरबंद
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर लिया गया था। उन्हें पिछले साल 27 नवंबर को रिहा किया गया है। वे 14 महीने तक नजरबंद रहीं। कश्मीर जोन पुलिस ने मामले में ट्वीट कर बताया कि महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद नहीं किया गया है बल्कि सुरक्षा कारणों के चलते उनसे पुलवामा के दौरे को रद्द करने की अपील की गई थी।