Mamata Banerjee Government Coal Scam Update; TMC Leaders Houses Raided By Central Bureau of Investigation Enforcement Directorate | CBI और ED ने TMC के करीबी बिजनेसमैन के घर छापेमारी की; कई अफसर और नेताओं पर घूस लेने का भी आरोप
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कोलकाताएक घंटा पहले
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कोलकाता में बिजनेसमैन के दफ्तर पर छापेमारी करती CBI की टीम।
पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाले की आंच अब कई नेताओं और अफसरों पर आने लगी है। शुक्रवार को CBI और ED ने एकसाथ कई जिलों में छापेमारी की। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ये छापेमारी TMC नेताओं के करीबी बिजनेसमैन के घर और दफ्तरों में हुई हैं।
जांच में ये भी पता चला है कि कोयला तस्करी के दौरान कई अफसरों और नेताओं ने घूस भी लिया था। जल्द ही इनके यहां भी छापेमारी हो सकती है। CBI ने कोलकाता में व्यवसायी के यहां छापेमारी की, जबकि ED ने साउथ कोलकाता, असनसोल समेत अन्य कई इलाकों में छापेमारी की।
ममता की बहू और रिश्तेदारों से भी हो चुकी है पूछताछ
इस मामले में दो दिन पहले ही CBI ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बहू रुजिरा बनर्जी और रुजिरा की बहन मेनका गंभीर से पूछताछ कर चुकी है। दोनों से पैसों के लेनदेन और आय के श्रोत के बारे में जानकारी हासिल की गई। सूत्रों के मुताबिक, अब CBI इन सभी के बैंक अकाउंट और संपत्तियों की जांच भी कर रही है। इसके लिए ED को भी जांच में शामिल किया गया है।
अवैध रूप से हजारों करोड़ का कोयला बेचने का आरोप
कोयला घोटाले में तृणमूल के नेताओं पर आरोप लगे हैं। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम भी शामिल है। आरोप है कि बंगाल में अवैध रूप से कई हजार करोड़ के कोयले का खनन किया गया और एक रैकेट के जरिए इसे ब्लैक मार्केट में बेचा गया। इस मामले में दिसंबर के शुरुआती हफ्तों में भी CBI ने कोलकाता के CA गणेश बगारिया के दफ्तर में छापा मारा था।
सितंबर में जांच शुरू हुई थी
पिछले साल सितंबर में कोयला घोटाले की जांच शुरू हुई थी। तभी से भाजपा आरोप लगाती रही है कि तृणमूल नेताओं ने कोयला घोटाले से मिली ब्लैक मनी को शेल कंपनियों के जरिए व्हाइट मनी में बदला। इसमें सबसे ज्यादा फायदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को हुआ है।
अभिषेक तृणमूल की युवा विंग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपनी पार्टी में विनय मिश्रा समेत 15 युवाओं को महासचिव बनाया था। विनय शुरू से ही कोयला घोटाले के आरोपी हैं। तृणमूल ने CBI जांच पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो नामंजूर हो गई थी।