Internet Shutdown, Internet Shutdown Tracker, India, Home Ministry, Software Freedom Law Center, National Capital Region | 2012 के मुकाबले 27 गुना बढ़ी इंटरनेट शटडाउन की घटनाएं, इससे 2020 में 21 हजार करोड़ रुपए का नुकसान
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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- 2018 में इंटरनेट शटडाउन की सबसे ज्यादा 134 घटनाएं दर्ज की गईं
- 2020 में भारत में 8927 घंटे के लिए इंटरनेट शटडाउन किया गया
देश में इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (SFLC) के इंटरनेट शटडाउन ट्रैकर के मुताबिक, 2012 के मुकाबले 2020 में इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं में 27 गुना की बढ़ोतरी हो गई है। 2012 में इंटरनेट शटडाउन की केवल तीन घटनाएं हुई थीं। 2020 में इनकी संख्या बढ़कर 83 पर पहुंच गई है।
2018 में इंटरनेट शटडाउन की सबसे ज्यादा घटनाएं
SFLC के डाटा के मुताबिक, भारत में 2018 में इंटरनेट शटडाउन की सबसे ज्यादा 134 घटनाएं हुई थीं। इसके बाद 2019 में सबसे ज्यादा 106 घटनाएं हुईं। 2020 में इंटरनेट शटडाउन की 83 घटनाएं हुई थीं। जनवरी 2021 से 15 मार्च 2020 के दौरान इंटरनेट शटडाउन की 385 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें से 62% घटनाएं प्रतिबंधित प्रवृत्ति की थीं। इनमें लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। SFLC के मुताबिक, इस अवधि में इंटरनेट शटडाउन की 38% घटनाएं रिएक्टिव प्रवृत्ति की थीं।
अधिकांश घटनाओं की अवधि 24 घंटे से कम रहीं
डाटा के मुताबिक, इंटरनेट शटडाउन की अधिकांश घटनाओं की अवधि 24 घंटे से कम रही है। केवल 11% घटनाओं में इंटरनेट 3 दिन से ज्यादा समय तक बंद रहा है। 2012 से मार्च 2020 तक रिकॉर्ड की गई 385 घटनाओं में से 80% में केवल मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया।
2020 में इंटरनेट शटडाउन से भारत को सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान
इंटरनेट प्राइवेसी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन Top10VPN की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, 2020 में इंटरनेट शटडाउन से भारत को सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। इस साल भारत में 8927 घंटे इंटरनेट ब्लैकआउट रहा है। इससे भारतीय इकोनॉमी को 3 बिलियन डॉलर करीब 21 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इससे करीब 1.03 करोड़ इंटरनेट यूजर प्रभावित हुए हैं। 2020 में पूरी दुनिया में करीब 27 हजार घंटे इंटरनेट शटडाउन रहा है और इससे 4.1 बिलियन डॉलर करीब 29 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इंटरनेट शटडाउन की आधी से ज्यादा घटनाएं अकेले जम्मू कश्मीर में
डाटा के मुताबिक, 2012 से अब तक इंटरनेट शटडाउन की 467 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें से आधे से ज्यादा घटनाएं अकेले जम्मू कश्मीर में दर्ज की गई हैं। जम्मू कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन की सबसे ज्यादा 69 घटनाएं 2020 में दर्ज की गई हैं। इसी साल 31 जनवरी को गृह मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-NCR क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया था।
क्या होता है इंटरनेट शटडाउन?
कुछ खास स्थितियों में सरकार किसी एक इलाके या पूरे देश में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा देती है। इसका मकसद भ्रामक सूचनाओं का फैलाव रोकना है। माना जाता है कि इंटरनेट के जरिए फर्जी खबरें और अफवाहें तेजी से फैलती हैं। जिनसे हिंसा भड़कने का खतरा होता है। हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए सरकार इंटरनेट शटडाउन का सहारा लेती है। इंटरनेट शटडाउन आंशिक या पूरी तरह से हो सकता है। आंशिक शटडाउन में कुछ खास साइटें एक्सेस नहीं होती हैं।