तय नीति के मुताबिक छत्तीसगढ़ में धान खरीद पिछले साल के स्तर पर रखी गई: केन्द्र सरकार – according to the fixed policy, the central government kept the procurement of paddy in chhattisgarh at the level of last year

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| Updated: 03 Jan 2021, 11:20:00 PM

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) केन्द्र सरकार ने रविवार को कहा कि उसने इस साल छत्तीसगढ़ के लिये धान खरीद की मात्रा को 24 लाख टन पर तय नीति के मुताबिक ही रखा है क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य के धान उत्पादकों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया है। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह जानकारी देते हुये कहा कि वह पूरे देश में खाद्यान्न की खरीद के लिये ‘‘एकसमान नीति’’ को अपनाती है। इसके तहत वह उन राज्यों में अनाज वसूली को पिछले साल के स्तर पर ही रखती है जो राज्य किसानों को खरीद पर बोनस अथवा वित्तीय प्रोत्साहन

 

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) केन्द्र सरकार ने रविवार को कहा कि उसने इस साल छत्तीसगढ़ के लिये धान खरीद की मात्रा को 24 लाख टन पर तय नीति के मुताबिक ही रखा है क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य के धान उत्पादकों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया है। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह जानकारी देते हुये कहा कि वह पूरे देश में खाद्यान्न की खरीद के लिये ‘‘एकसमान नीति’’ को अपनाती है। इसके तहत वह उन राज्यों में अनाज वसूली को पिछले साल के स्तर पर ही रखती है जो राज्य किसानों को खरीद पर बोनस अथवा वित्तीय प्रोत्साहन देते हैं। यह कदम इस संबंध में राज्यों के साथ किये गये सहमति ज्ञापन के तहत उठाया जाता है। खाद्य मंत्रालय ने इस बात का उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 17 दिसंबर 2020 को एक विज्ञापन प्रकाशित किया जिसमें 2020- 21 खरीफ विपणन सत्र के लिये धान खरीद पर प्रोत्साहन की घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत वह किसानों से 2020- 21 खरीफ विपणन सत्र के दौरान 10,000 रुपये प्रति एकड़ के लिये भुगतान कर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव धान की खरीद करेगी। मंत्रालय का मानना है कि राज्य सरकार की यह पेशकश एक तरह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन के तौर पर दी गई है और यह एक तरह से धान की खरीद पर बोनस दिये जाने के समान है। इस बात को ध्यान में रखते हुये केन्द्र ने राज्य में 2020- 21 खरीफ विपणन सत्र के दौरान केन्द्रीय पूल के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिये 24 लाख टन चावल की आपूर्ति का फैसला किया। यह मात्रा पिछले साल मंजूर की गई धान की मात्रा के बराबर ही है। यह केन्द्र, राज्य सरकार और एफसीआई के बीच केन्द्रीकृत खरीद प्रणाली और विकेन्द्रीकरण पर किये गये एमओयू के अनुरूप है। मंत्रालय के मुताबिक शुरुआती खरीद लक्ष्य राज्यों के साथ मिलकर ही तय किये जाते हैं। राज्यों से पूछा जाता है कि क्या वह प्रोत्सहन दे रहे हैं अथवा नहीं। ‘‘मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्य प्रोत्साहन देते हुये पाये गये हैं इसलिये केन्द्र सरकार की ओर से खरीद को पिछले उसी स्तर पर रखा गया है जो कि बिना बोनस अथवा प्रोत्साहन के की गई थी।’’

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Web Title : according to the fixed policy, the central government kept the procurement of paddy in chhattisgarh at the level of last year
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