Supreme Court dismisses plea of 1993 Mumbai blasts convict | सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई धमाकों के दोषी की याचिका की खारिज

नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे मुहम्मद मोइन फरीदुल्ला कुरैशी की सजा में उदारता बरतने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कुरैशी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत का रुख किया था।

जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि याचिका में मांगी गई राहत के लिए अनिवार्य रूप से अदालत की आवश्यकता होगी, जो अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाकर्ता पर लगाई गई सजा को पलट सकती है। यह सजा एक नामित अदालत ने दी है।

पीठ ने कहा, अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका पर वे उपाय काम नहीं आएंगे, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस. नागामुथ की दलीलों पर कोई राय व्यक्त नहीं की। याचिकाकर्ता ने उस वक्त अपने नाबालिग होने के आधार पर शीर्ष अदालत का रुख किया था। याचिका इस तथ्य पर आधारित थी कि एक अन्य टाडा मामले में शीर्ष अदालत ने 9 मार्च, 2011 के एक आदेश पर किशोर की दलील को आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी।

एसडीजे/एसजीके

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