Does plasma therapy help corona patients? This study reveals shocking results | क्या Plasma Therapy से कोरोना मरीजों को होता है फायदा? चौंकाने वाले निकले रिजल्ट
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और दुनियाभर के लोगों को वैक्सीन (Corona Vaccine) का इंतजार है. इस बीच मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्लाजमा थेरेपी में कोविड-19 (Covid-19) से ठीक हुए मरीजों से प्लाज्मा लेकर गंभीर मरीजों को दिया जाता है.
इन रोगियों पर प्लाज्मा का कम हुआ असर
अर्जेंटीना में एक क्लिनिकल ट्रायल में इस बात का खुलासा हुआ है कि निमोनिया के गंभीर मामलों में प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) का बहुत कम फायदा हुआ. द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी में बताया गया है कि प्लाज्मा थेरेपी की प्रभावशीलता के सीमित प्रमाण मौजूद हैं.
प्लाज्मा से मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं
स्टडी में बताया गया है कि इसे ‘आक्षेपिक प्लाज्मा थेरेपी’ (Convalescent Plasma Therapy) के रूप में जाना जाता है. परीक्षण में पाया गया कि प्लाज्मा से न तो मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और ना ही वायरस के कारण होने वाली मृत्यु के जोखिम में कमी आई.
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प्लाज्मा देने के बावजूद मृत्यु दर 11 प्रतिशत
अध्ययन अस्पताल में भर्ती 333 मरीजों पर किया गया, जो गंभीर निमोनिया से पीड़ित थे. मरीजों को प्लाज्मा या प्लेसीबो दिया गया. 30 दिनों में शोधकर्ताओं ने रोगियों के लक्षणों और स्वास्थ्य में कोई अंतर नहीं दिखा. यहां तक कि मृत्यु दर में भी कोई बदलाव नहीं आया. प्लाज्मा लेने वाले मरीजों की मृत्यु दर 11 प्रतिशत थी, जबकि प्लेसीबो लेने वाले मरीजों की मृत्यु दर 11.4 प्रतिशत थी.
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भारत में प्लाज्मा थेरेपी से कितना फायदा
अक्टूबर में भारत में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 (COVID-19) के रोगियों को फायदा हुआ है. प्लाज्मा थेरेपी से रोगियों की सांस संबंधी परेशानी दूर हुई है और साथ ही उनमें थकान की समस्या में भी कमी आई. हालांकि, मौत का खतरा और गंभीर लक्षणों में कमी नहीं आई.
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