UP news: गुपकार के बहाने कांग्रेस पर योगी आदित्यनाथ का निशाना, बोले- ‘हाथ’ अलगाववादियों के साथ है – yogi adityanath targeted congress under pretext of gupkar alliance
हाइलाइट्स:
- योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी नेताओं के संगठन ‘गुपकार’ को देश की संप्रभुता से खिलवाड़ की कुत्सित कोशिश बताया
- गुपकार में कांग्रेसी नेताओं की सहभागिता को शर्मनाक बताते हुए योगी ने कहा, ‘कांग्रेस का हाथ, अलगाववादियों के साथ’
- देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली राष्ट्रीय पार्टी का दोहरा चरित्र निंदनीय, देश यह स्वीकार नहीं करेगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर में विपक्षी नेताओं के संगठन ‘गुपकार’ को देश की संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ की कुत्सित कोशिश करार दिया है। गुपकार में कांग्रेसी नेताओं की सहभागिता को शर्मनाक बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि ‘कांग्रेस का हाथ, अलगाववादियों के साथ’ है।
इसके नेता दिल्ली में कुछ बोलते हैं और घाटी में कुछ और। देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली राष्ट्रीय पार्टी का यह दोहरा चरित्र निंदनीय है। देश यह स्वीकार नहीं करेगा।
‘370 पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे कांग्रेस’
योगी ने कहा कि इसके लिए पार्टी नेतृत्व को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। यही नहीं, मुख्यमंत्री योगी ने कांग्रेस नेतृत्व से अनुच्छेद 370 के मसले पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
सीएम योगी, गुरुवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को खंडित करने का प्रयास किया है। अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़संकल्पों से यह सपना साकार हो रहा है, तो कांग्रेस के नेताओं को यह नहीं सुहा रहा।
मुफ्ती जैसी नेताओं से जुड़ना शर्मनाकः योगी
उन्होंने कहा कि शत्रु देश से मदद लेने की बात करने वाले फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं से जुड़ना कांग्रेस के लिए शर्मनाक है। संविधान की शपथ लेकर केंद्रीय मंत्री रहे पी. चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद जैसे कांग्रेसी नेता अनुच्छेद 370 की बहाली की बात करते रहे हैं। यह लोग हमेशा से ही अलगववादी और आतंकवादी विचारों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहे हैं। पर अब ऐसा नहीं चलेगा। सीएम योगी ने कहा कि गुपकार समझौता दरअसल, देश की अखंडता को समाप्त करने की शरारतपूर्ण साजिश है।
सीएम ने कहा कि गुपकार समझौते में शामिल लोग नहीं चाहते कि जम्मू कश्मीर में विकास हो, स्थानीय निकाय समृद्ध हों, वहां के लोग अपने अधिकारों के लिए जागरूक हों, उन्हें भी देश के अन्य हिस्सों की तरह बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिलें। क्योंकि अगर ऐसा हो गया तो उन अलगाववादी विचारों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा जिनको अपने हित में ये लोग लगातार खाद-पानी देते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन कुत्सित प्रयासों को कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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