Health Care: Sattu Is Better Dish For Weight Loss And Diabetes | पेट संबंधी रोगों का रामबाण इलाज है सत्तू, डायबिटीज ही नहीं मोटापे को भी करे दूर
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। आपने उत्तर भारत की फेमस डिश सत्तू के बारे में तो जरूर सुना होगा। भुने हुए जौ और चने को पीस कर बनाए गए इस मिश्रण को पानी में घोल कर खाया जाता है। साथ ही सत्तू से कई अलग अलग तरह के व्यंजनों को भी बनाया जाता है। ज्यादातर लोग इसे स्वाद के लिए खाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सत्तू खाने से मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां दूर होती हैं। इसे खाने से पेट के रोग भी दूर होते हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो आधुनिक दिनचर्या में 90 प्रतिशत लोग गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस नामक रोग से पीड़ित रहते हैं। हर समय जल्दबाजी, तनाव और मिर्च-मसालों का अधिक सेवन करने से पेपटिक ग्रंथि से गैस्ट्रिक जूस का रिसाव होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है। सत्तू का सेवन करने से इस रिसाव को कम करने में काफी मदद मिलती है।
इतना ही नहीं सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास और आंखों से जुड़ी बीमारी में बेहद लाभदायक होता है। डॉक्टर्स के अनुसार अपने पेट को ठीक रखने लिए सत्तू का सेवन फायदेमंद हैं।
तुरंत मिले एनर्जी
ज्यादातर सत्तू का सेवन गर्मियों में किया जाता है, क्योंकि तेज धूप में बाहर निकलने के कारण थोड़ी वीकनेस सी महसूस होती है। ऐसे में सत्तू तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं। सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो आपके शरीर की थकान मिटाकर आपको इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता हैं।
मोटापा दूर करता है सत्तू
आपको बता दें कि सत्तू में वे सभी जरूरी तत्व शामिल होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरुरी हैं। इसका सेवन करने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिसके चलते व्यक्ति को वजन कम करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज की समस्या
सत्तू के अंदर बीटा-ग्लूकेन मौजूद होता है। जो बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करके ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं। सत्तू का सेवन रोजाना करने से मधुमेह रोगी डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। ध्यान रखें इस रोग से पीड़ित लोगों को चीनी वाले सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।
एनीमिया से बचाता है
शरीर में खून की कमी होना, एनिमिया का कारण बनता है। अगर कोई एनिमिया से पीड़ित है तो उसे रोज पानी में सत्तू मिलाकर पीना चाहिए। इससे काफी लाभ मिलता है।
लू से बचाता है
इसकी तासीर ठंडी होती है। यही कारण है कि इसे गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिसकी वजह से व्यक्ति को लू नहीं लगती है। साथ ही शरीर का तापमान नियंत्रित रहने से पेट संबंधी कई बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
सत्तू सेवन के ये होते हैं नुकसान
-सत्तू को खाते समय ध्यान रखें बीच में पानी नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा दिन में एक या दो बार से अधिक सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।
-बारिश के मौसम में चने के सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए।
-मधुमेह के रोगियों के लिए सत्तू एक तरफ जहां वरदान है वहीं पथरी के रोगियों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
-चने के सत्तू का ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस पैदा होती है। ध्यान रखें आहार में इसका ज्यादा सेवन न करें।
-चना कोढ़ के रोग में वृद्धि करता है, इसलिए कोढ़ से पीड़ित व्यक्ति को चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।