Cyrus Mistry Ratan Tata | Tata Sons Cyrus Mistry Dispute Supreme Court Judgment Today Latest News Update | क्या साइरस मिस्त्री को वापस मिलेगा टाटा संस के चेयरमैन का पद?, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा फैसला

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नई दिल्लीएक मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस लिमिटेड और शापूरजी पलोनजी ग्रुप्स साइरस मिस्त्री के मामले पर आज अपना फैसला सुनाएगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

दरअसल, टाटा संस और मिस्त्री दोनों ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 18 दिसंबर, 2019 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें टाटा संस लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में साइरस मिस्त्री की बहाली का आदेश दिया था। इस पर 10 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। मिस्त्री टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन थे। मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वो टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स हैं।

NCLAT ने अपने दिसंबर 2019 के फैसले में कहा था कि 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस की बोर्ड बैठक में चेयरपर्सन के पद से साइरस मिस्त्री को हटाना गैरकानूनी था। साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि रतन टाटा को पहले से कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, जिसमें टाटा संस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बहुमत के फैसले या AGM में बहुमत की आवश्यकता होती है।

साइरस मिस्त्री ने दिसंबर 2012 में टाटा संस के प्रेसिडेंट का संभाला था और 24 अक्टूबर 2016 को कंपनी के बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स के बहुमत से पद से हटा दिया गया। इसके बाद 6 फरवरी 2017 को बुलाई गई एक बोर्ड बैठक (EGM) में शेयरहोल्डर्स ने मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड से हटाने के लिए वोट किया। तब एन चंद्रशेखरन ने टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

मामले को लेकर दो शापूरजी पल्लोनजी कंपनियों ने मिस्त्री को हटाने और अल्पसंख्यक शेयरधारकों के उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का रुख किया। ये दोनों कंपनियां टाटा संस में शेयरहोल्डर्स हैं। हालांकि जुलाई 2018 में NCLT ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसके खिलाफ पल्लोनजी कंपनियों ने अपील दायर की थी।

अपील में शापूरजी पलोनजी कंपनियों ने कहा कि NCLAT मिस्त्री को कुछ महत्वपूर्ण राहत देने में विफल रहा। इसलिए मिस्त्री कंपनियों को टाटा संस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा गठित सभी कमिटियों में प्रतिनिधित्व का हकदार होना चाहिए।

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