एजेंसी, कैलिफोर्निया
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 19 Mar 2021 12:43 AM IST
नासा का पर्सिवियरेंस रोवर
– फोटो : twitter.com/NASA
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज में लगे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर चहलकदमी शुरू कर दी है। इसने पहली बार मंगल ग्रह पर ड्राइविंग करने का ऑडियो भेजा है। नासा ने इसका एक 16 मिनट का ऑडियो जारी किया है जिसमें रोवर के पहियों के चलने की आवाज सुनी जा सकती है। इस पर शोध जारी है।
हालांकि इस आवाज में रिकॉर्डिंग के दौरान हुई चरचराहट से स्पष्टता में खलल डाल रही है। लेकिन रोवर के दो माइक्रोफोन में हवा और रॉक-जैपिंग लेजर की आवाज भी रिकॉर्ड हुई है। दूसरे माइक्रोफोन को लैंडिंग की आवाज रिकॉर्ड करना था। नासा के मुताबिक, दूसरे माइक ने रोवर के मंगल पर पहुंचने की कोई आवाज तो रिकॉर्ड नहीं की, लेकिन टेस्ट ड्राइव को रिकॉर्ड करने में वह कामयाब रहा। ड्राइविंग ऑडियो में खरोंच की आवाज सुनाई दे रही है। अब इंजीनियर इस आवाज के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह चरचराहट क्रेटर के भीतर रोवर के चलने के दौरान निकली आवाज हो।
कर्कश आवाज के कई कारण
नासा में भारतीय मूल की इंजीनियर और रोवर की ड्राइविंग से जुड़ी विंदी वर्मा ने बताया कि इसके धातु से बने पहियों से कुछ जोर की आवाज निकल सकती है। उन्होंने बताया कि जब हम चट्टान पर ऐसे पहियों के साथ चलते हैं तो वास्तव में शोर बेहद अधिक होता है। नासा के वैज्ञानिक मानते हैं कि यह आवाज इलेक्ट्रोमैग्नेटिक दखल के चलते भी हो सकती है।
साफ तस्वीरों की उम्मीद
रोवर में वेदर स्टेशन, 19 कैमरे और दो माइक्रोफोन के चलते नासा को लाल ग्रह की साफ तस्वीरें मिलने की उम्मीद है। इसे मंगल की चट्टानों के नमूने एकत्र करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। यह अपने साथ परियोजना से जुड़े कुछ खास उपकरण लेकर गया है। इनमें एक बेहद छोटा हेलीकॉप्टर भी शामिल है। इसे दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान परीक्षण के लिए बनाया गया है।
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज में लगे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर चहलकदमी शुरू कर दी है। इसने पहली बार मंगल ग्रह पर ड्राइविंग करने का ऑडियो भेजा है। नासा ने इसका एक 16 मिनट का ऑडियो जारी किया है जिसमें रोवर के पहियों के चलने की आवाज सुनी जा सकती है। इस पर शोध जारी है।
हालांकि इस आवाज में रिकॉर्डिंग के दौरान हुई चरचराहट से स्पष्टता में खलल डाल रही है। लेकिन रोवर के दो माइक्रोफोन में हवा और रॉक-जैपिंग लेजर की आवाज भी रिकॉर्ड हुई है। दूसरे माइक्रोफोन को लैंडिंग की आवाज रिकॉर्ड करना था। नासा के मुताबिक, दूसरे माइक ने रोवर के मंगल पर पहुंचने की कोई आवाज तो रिकॉर्ड नहीं की, लेकिन टेस्ट ड्राइव को रिकॉर्ड करने में वह कामयाब रहा। ड्राइविंग ऑडियो में खरोंच की आवाज सुनाई दे रही है। अब इंजीनियर इस आवाज के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह चरचराहट क्रेटर के भीतर रोवर के चलने के दौरान निकली आवाज हो।
कर्कश आवाज के कई कारण
नासा में भारतीय मूल की इंजीनियर और रोवर की ड्राइविंग से जुड़ी विंदी वर्मा ने बताया कि इसके धातु से बने पहियों से कुछ जोर की आवाज निकल सकती है। उन्होंने बताया कि जब हम चट्टान पर ऐसे पहियों के साथ चलते हैं तो वास्तव में शोर बेहद अधिक होता है। नासा के वैज्ञानिक मानते हैं कि यह आवाज इलेक्ट्रोमैग्नेटिक दखल के चलते भी हो सकती है।
साफ तस्वीरों की उम्मीद
रोवर में वेदर स्टेशन, 19 कैमरे और दो माइक्रोफोन के चलते नासा को लाल ग्रह की साफ तस्वीरें मिलने की उम्मीद है। इसे मंगल की चट्टानों के नमूने एकत्र करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। यह अपने साथ परियोजना से जुड़े कुछ खास उपकरण लेकर गया है। इनमें एक बेहद छोटा हेलीकॉप्टर भी शामिल है। इसे दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान परीक्षण के लिए बनाया गया है।
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