doing aerobic exercise regulary slows down memory loss in dementia patients | Dementia के मरीज एरोबिक एक्सरसाइज करें तो याददाश्त खोने की दिक्कत होगी कम
नई दिल्ली: ये तो हम सभी जानते हैं कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने के ढेरों फायदे हैं. वजन घटाना हो या फिर वजन बढ़ाना, बीमारियों से दूर रहना हो या फिर मूड को बेहतर बनाना, शरीर की एनर्जी को बढ़ाना हो या फिर अच्छी नींद हासिल करना- एक्सरसाइज (Exercise) इन सभी चीजों में आपकी मदद करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिमेंशिया (Dementia) और अल्जाइमर्स (Alzheimer’s) जैसी भूलने की बीमारी के मरीज अगर नियमित रूप से एक्सरसाइज करें तो उनकी मेमोरी लॉस की प्रक्रिया धीमी हो सकती है.
एरोबिक्स करने से मेमोरी लॉस की प्रक्रिया होगी धीमी
एक नई रिसर्च की मानें तो रेग्युलर एक्सरसाइज खासकर एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) करने से भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के मरीजों में मेमोरी लॉस (Memory loss) यानी याद्दाश्त खोने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद मिल सकती है. जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिजीज में हाल ही में इस रिसर्च को प्रकाशित किया गया है. अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के एडसन कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड हेल्थ इनोवेशन के प्रोफेसर फैंग यू ने इस स्टडी को किया जिसमें 96 बुजुर्गों को शामिल किया गया था. इन सभी बुजुर्गों में भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स डिमेंशिया के हल्के से लेकर मध्यम श्रेणी तक के लक्षण थे.
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6 महीने तक नियमित रूप से एरोबिक्स करने के हैं फायदे
स्टडी के ऑथर यू कहते हैं, ‘रिसर्च के शुरुआती नतीजे ये संकेत देते हैं कि अल्जाइमर्स डिमेंशिया के मरीजों में याद रखने की क्षमता (संज्ञानात्मक क्षमता) में प्राकृतिक रूप से जो कमी या बदलाव आता है, उस प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है, अगर मरीज 6 महीने तक लगातार एरोबिक एक्सरसाइज करे. यू की मानें तो रिसर्च के नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं और उस क्लिनिकल उपयुक्तता को बढ़ावा देते हैं कि जिसमें अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के मरीजों में एरोबिक एक्सरसाइज को बढ़ावा दिया जाता है ताकि उनकी अनुभूति (Cognition) और सोचने समझने की क्षमता को मेनटेन रखा जा सके.’
अतिरिक्त थेरेपी के तौर पर एरोबिक्स को कर सकते हैं यूज
यू आगे कहते हैं, ‘हमारी इस रिसर्च ट्रायल में यह देखने को मिला है कि अल्जाइमर्स और डिमेंशिया से पीड़ित बुजुर्गों में एरोबिक एक्सरसाइज का कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला क्योंकि एरोबिक्स एक तरह का लो प्रोफाइल एक्सरसाइज है. लिहाजा अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के मरीजों के लिए अतिरिक्त थेरेपी के तौर पर एरोबिक एक्सरसाइज का इस्तेमाल किया जा सकता है.’