एक बार फिर बढ़ गई तारीख, अब 10 जनवरी तक फाइल करें अपना ITR
एक बार फिर बढ़ गई तारीख, अब 10 जनवरी तक फाइल करें अपना ITR
आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख एक बार फिर बढ़ा दी गई है. अब आप 10 जनवरी 2021 तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं. पहले इसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 थी.
आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख एक बार फिर बढ़ा दी गई है. अब आप 10 जनवरी 2021 तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं. पहले इसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 थी. अब अगर आप 10 जनवरी तक आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो फिर उसके बाद आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.
अब आप वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए 10 जनवरी 2021 तक आईटीआर दाखिल कर पाएंगे. आयकर विभाग ने बुधवार को बताया कि ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम के तहत डिक्लेरिएशन के लिए अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 जनवरी 2021 कर दी गई है. जबकि वित्त वर्ष (2019-20) के लिए कंपनियों को आयकर रिटर्न फाइल की अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी गई है.
दरअसल आयकर विभाग ने कोरोना संकट को देखते हुए लोगों को 10 दिन की मोहलत दी है. पहले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का लास्ट डेट 31 दिसंबर 2020 था. आयकर विभाग के मुताबिक 28 दिसंबर तक कुल 4.37 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए. जबकि केवल 29 दिसंबर को शाम 6 बजे तक 10 लाख 64 हजार से ज्यादा ITR दाखिए हुए.
केंद्र सरकार की कोशिश रही है कि टैक्स कलेक्शन को बढ़ाया जाए. इसके लिए आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया को लगातार आसान बनाया जा रहा है. इस बार भी लोगों से कहा जा रहा है कि आप भी घर बैठे पर आसानी से आईटीआर फाइल कर सकते हैं. आयकर विभाग लगातार आगाह कह रहा है कि आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार न करें.
अगर कोई शख्स लेट रिटर्न फाइल करने की सीमा भी पार कर जाता है तो आयकर विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. इस कार्रवाई के तहत 3 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल का भी प्रावधान है. अगर बकाया टैक्स की रकम 25 लाख से अधिक है तो यह सजा 7 साल तक की भी हो सकती है.
गौरतलब है कि भारत में नौकरी, कारोबार या पेशे से आमदनी वाले हर व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स चुकाना जरूरी है. इसके लिए शर्त यह है कि आपकी आमदनी टैक्स छूट की आम सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक हो.
अगस्त- 2020 में केंद्र सरकार ने पिछले 5 साल में आयकर यानी इनकम टैक्स भरने वाले लोगों का आंकड़ा जारी किया था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में केवल 1.5 करोड़ लोग इनकम टैक्स देते हैं. अगर कुल आबादी से इसकी तुलना की जाए तो इनकम टैक्स देने वालों की संख्या देश में सिर्फ एक फीसदी से थोड़ी अधिक है.