Business news News: रिजर्व बैंक के आर्थिक वृद्धि अनुमान घटाने से सेंसेक्स 132 अंक टूटा, बैंक शेयरों में मुनाफावसूली – sensex down 132 points on rbi’s economic growth forecast, profit-booking in bank stocks
वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 132.38 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,100.05 पर बंद हुआ।
एनएसई निफ्टी भी 20.10 अंक यानी 0.13 प्रतिशत टूटकर 15,670.25 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 1.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में नेस्ले इंडिया रही। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन, एचयूएल और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी गिरावट रही।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, ओएनजीसी, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी शामिल हैं। इनमें 2.53 प्रतिशत तक की तेजी आयी।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 677.17 अंक यानी 1.31 प्रतिशत जबकि निफ्टी 234.60 अंक यानी 1.51 प्रतिशत मजबूत हुआ।
रिजर्व बैंक ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने का भरोसा देते हुए शुक्रवार को अपनी नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतिशत किया है।
केंद्रीय बैंक ने 2021-22 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। यह आरबीआई के लिये 2 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत महंगागई दर बकरार रखने की मिली जिम्मेदारी के अनुरूप है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि वित्तीय खासकर बैंकों के शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में हल्की गिरावट आयी।
उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति में हल्की वृद्धि के अनुमान से सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल 0.03 प्रतिशत बढ़ा। इससे बैंक शेयरों में मुनाफावसूली की गयी।’’
मोदी ने कहा, ‘‘एमपीसी (मौद्रिक नीतति समिति) की बैठक का नतीजा उम्मीद के अनुरूप है। आरबीआई ने नीतिगत दर को पूर्व स्तर पर बरकरार रखते हुए अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने और महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) तथा कंपनियों की मदद पर ध्यान दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी, टीकाकरण अभियान में तेजी तथा राज्यों द्वारा लगाये गये ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील से आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर संभावना बेहतर हुई है। यही कारण है कि बाजार इस सप्ताह नई ऊंचाई पर पहुंचा।’’
कमजोर वैश्विक रुख का भी घरेलू बाजार पर असर पड़ा।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई बाजार लाभ में रहा जबकि हांगकांग, तोक्यो तथा सोल नुकसान में रहे।
यूरोपीय बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत बढ़त के साथ 71.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 8 पैसे टूटकर 72.99 पर आ गयी ।
शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बृहस्पतिवार को शुद्ध लिवाल रहे और 1,079.20 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।