PM Modi Navratri Fast: सिर्फ पपीते पर रहते हैं पीएम मोदी, जानें सेहत पर क्या पड़ता है असर

भारत में व्रत केवल धार्मिक आस्था से जुड़े नहीं होते, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने और स्वस्थ रखने का भी एक तरीका माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल नवरात्रि के नौ दिनों में कठोर उपवास रखते हैं। इस दौरान वे सिर्फ एक ही फल खाते हैं। अगर वे पपीता चुन लेते हैं, तो पूरे नौ दिन सिर्फ पपीते पर ही रहते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर केवल एक फल पर रहना सेहत के लिए कितना फायदेमंद या नुकसानदायक हो सकता है।
पपीता: पोषण का भंडार
पपीते को अक्सर सुपरफूड कहा जाता है। इसमें मौजूद Vitamin A, Vitamin C, पोटैशियम और फाइबर शरीर को न सिर्फ ऊर्जा देते हैं बल्कि इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाते हैं।
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पपीते के एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
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यह डाइजेशन को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं से राहत देता है।
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लंबे समय तक एनर्जी बनाए रखता है, जिससे उपवास के दौरान कमजोरी महसूस नहीं होती।
व्रत में पपीते के फायदे
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नवरात्रि जैसे लंबे उपवास में हल्का और पौष्टिक भोजन जरूरी होता है। पपीता इसमें बेहतरीन विकल्प है।
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इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे डिहाइड्रेशन नहीं होता।
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इसमें प्राकृतिक मिठास होती है, जो डायबिटीज़ रोगियों के लिए भी अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाती है।
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नियमित सेवन शरीर को इंफेक्शंस से बचाता है।
क्या सिर्फ पपीते पर रहना सुरक्षित है?
हालांकि पपीता बेहद पौष्टिक है, लेकिन केवल इसी पर लंबे समय तक निर्भर रहना हर किसी के लिए आसान या उपयुक्त नहीं है।
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शरीर को प्रोटीन और हेल्दी फैट्स की भी जरूरत होती है।
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जिन लोगों की दिनचर्या नियमित है, उनके लिए यह संभव हो सकता है, लेकिन जिनका शेड्यूल अनियमित है, उनके लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकता है।
नतीजा
प्रधानमंत्री मोदी का सिर्फ पपीता खाकर व्रत रखना यह दर्शाता है कि साधारण फल भी शरीर को शक्ति और स्फूर्ति दे सकते हैं। हालांकि, आम लोगों को चाहिए कि वे अपनी डाइट डॉक्टर की सलाह और अपनी सेहत के हिसाब से चुनें। पपीता सिर्फ व्रत का ही नहीं बल्कि डेली डाइट का भी हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि यह लंबे समय तक फिट और रोगमुक्त रहने में मदद करता है।



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