आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसी दिग्गज टेक कंपनियों से लेकर एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग जैसे अरबपतियों तक, हर कोई एआई की रेस में अपना दबदबा कायम करने की होड़ में है. इस बीच एप्पल ने आक्रामक कदम उठाते हुए एआई के क्षेत्र में सबसे बड़ा दांव खेला है.

🔹 एप्पल ने एआई पर किया सबसे बड़ा निवेश
एक हालिया Statista रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल ने एआई में निवेश के मामले में अपने सभी प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है. कंपनी ने अकेले 2023 में 30 से अधिक एआई स्टार्टअप्स का अधिग्रहण किया. यह संख्या गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और ओपनएआई जैसी कंपनियों से कहीं अधिक है. एप्पल का यह कदम उसके एआई इकोसिस्टम को तेजी से मजबूत करने की दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है.
🔹 एआई की दुनिया में चल रही है तगड़ी जंग
वर्तमान में एआई सेक्टर में ओपनएआई के ChatGPT का दबदबा कायम है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक एआई ट्रैफिक का लगभग 50% हिस्सा ChatGPT के पास है. इसके मुकाबले में गूगल ने Gemini (Bard का नया वर्जन) लॉन्च किया है, माइक्रोसॉफ्ट ने Copilot AI ऐप पेश किया है, जबकि मेटा और एलन मस्क की कंपनियां भी नए एआई मॉडल्स पर काम कर रही हैं.
🔹 एप्पल की रणनीति: अधिग्रहण और आरएंडडी दोनों
शुरुआती दौर में एप्पल एआई रेस में थोड़ी पीछे दिखाई दी थी, लेकिन अब कंपनी ने गेम पलटने की ठानी है. एप्पल ने इन-हाउस R&D पर जोर बढ़ाने के साथ-साथ आक्रामक अधिग्रहण नीति अपनाई है. कंपनी पिछले 12 महीनों में 30 से ज्यादा स्टार्टअप्स खरीद चुकी है और अब बड़े पैमाने पर एआई टैलेंट की हायरिंग भी कर रही है.
🔹 प्रतिस्पर्धी भी नहीं हैं पीछे
एप्पल के बाद गूगल ने पिछले साल 21 स्टार्टअप, मेटा ने 18, और माइक्रोसॉफ्ट ने 17 स्टार्टअप्स का अधिग्रहण किया. हालांकि, एप्पल की रफ्तार सबसे ज्यादा रही है. माना जा रहा है कि कंपनी जल्द ही अपने खुद के एआई असिस्टेंट या एप्लिकेशन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है.
संक्षेप में, एप्पल का एआई पर बढ़ता फोकस यह साफ दर्शाता है कि कंपनी भविष्य की टेक रेस में किसी भी कीमत पर पीछे नहीं रहना चाहती.



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