Farmers Protest: Kisan Andolan Delhi Burari LIVE Update | Haryana Punjab Farmers Delhi Chalo March Latest News | चौथी बैठक में भी नहीं बनी बात; सरकार भरोसा दिला रही और किसान कानून वापस लेने पर अड़े
- Hindi News
- National
- Farmers Protest: Kisan Andolan Delhi Burari LIVE Update | Haryana Punjab Farmers Delhi Chalo March Latest News
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्लीएक घंटा पहले
फोटो दिल्ली-मेरठ नेशनल हाईवे की है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुवार को सड़क जाम कर दी। ऐसा ही कुछ केंद्र के साथ उनकी बातचीत में भी हुआ। बात तो 7 घंटे चली, लेकिन कई मुद्दों पर अवरोध बरकरार है।
सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से गुरुवार को चौथे दौर की बातचीत की। करीब 7 घंटे चली इस बैठक के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता ।
हालांकि, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि कानून खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी।
सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनीं, सिर्फ एक पर वादा किया, बाकी पर भरोसा दिलाया
किसानों की चिंताएं | सरकार का जवाब |
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी? | MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी। |
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी? | प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा। | सरकार का वादा– ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा? | APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे। |
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है। | ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे। |
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे। | किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं। |
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है। | सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है। |
सरकार की चाय या खाना मंजूर नहीं
किसानों का रवैया ऐसा था कि बातचीत के दौरान लंच ब्रेक हुआ तो उन्होंने अपने साथ लाया खाना ही खाया। कहा- सरकार का चाय या खाना मंजूर नहीं। 1 दिसंबर की मीटिंग में भी किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई तो उन्होंने कह दिया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।
#WATCH | Delhi: Farmer leaders have food during the lunch break at Vigyan Bhawan where the talk with the government is underway. A farmer leader says, “We are not accepting food or tea offered by the government. We have brought our own food”. pic.twitter.com/wYEibNwDlX
— ANI (@ANI) December 3, 2020
किसानों के समर्थन में प्रकाश सिंह बादल की अवॉर्ड वापसी
पंजाब के पूर्व CM और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। बादल को 2015 में ये अवॉर्ड मिला था। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से NDA के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उधर, शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है।
शाह से मुलाकात में अमरिंदर बोले- जल्द हल निकालें, देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा
दूसरी तरफ, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है। इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। किसानों से भी अपील की है कि जल्द मामला सुलझाएं। पंजाब CMO ने बताया कि अमरिंदर ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) आधारित मंडी सिस्टम को जारी रखते हुए MSP को बचाने पर जोर दिया। गृह मंत्री से अपील की कि खुले दिल से किसानों की बात सुनकर जल्द विवाद सुलझाएं, ताकि किसान अपने घरों को लौट सकें।
दैनिक भास्कर ने किसानों से सवाल लेकर कृषि मंत्री से पूछे, जवाब क्या आए, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
बुधवार को दिनभर किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया। उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।
आगे की रणनीति
- 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
- 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।
आंदोलन की सफलता के लिए गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने लगातार दूसरे दिन हवन किया।
कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।
सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियर्स को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।
ट्विटर ने भाजपा के IT सेल प्रभारी की पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया
ट्विटर ने बुधवार को भाजपा IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है। देश में यह पहली बार हुआ है। मालवीय ने 28 नवंबर को किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। मालवीय की पोस्ट राहुल गांधी की उस पोस्ट के काउंटर में थी, जिसमें राहुल ने किसानों पर पुलिस के डंडे बरसाने का जिक्र किया था। मालवीय ने इस दावे को गलत बताया था।