golden baby league Children traveled 70 km on match day to participate in the Golden Baby League
नई दिल्ली
गोल्डन बेबी लीग (Golden Baby League) फुटबॉल टूर्नामेंट के पहले सत्र में 350 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान इन खेल प्रेमी बच्चों ने कई अड़चनों को भी पार किया। ये बच्चे पहाड़ी राज्य मेघालय में मैच के दिन 70 किमी की यात्रा तक करते थे। जबकि इनकी उम्र केवल 6 से 12 है।
दूर-दराज से आ रहे बच्चे
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट ने लीग के संचालक गिल्बर्ट जैकसन के हवाले से कहा, ‘पहली गोल्डन बेबी लीग में हम प्रत्येक मैच के दिन हितधारकों और क्लबों को दूर-दराज के इलाकों से लेकर आए। ’ उन्होंने कहा, ‘कई इलाकों के क्लबों और विभिन्न समुदायों के बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया।
गोल्डन बेबी लीग (Golden Baby League) फुटबॉल टूर्नामेंट के पहले सत्र में 350 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान इन खेल प्रेमी बच्चों ने कई अड़चनों को भी पार किया। ये बच्चे पहाड़ी राज्य मेघालय में मैच के दिन 70 किमी की यात्रा तक करते थे। जबकि इनकी उम्र केवल 6 से 12 है।
दूर-दराज से आ रहे बच्चे
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट ने लीग के संचालक गिल्बर्ट जैकसन के हवाले से कहा, ‘पहली गोल्डन बेबी लीग में हम प्रत्येक मैच के दिन हितधारकों और क्लबों को दूर-दराज के इलाकों से लेकर आए। ’ उन्होंने कहा, ‘कई इलाकों के क्लबों और विभिन्न समुदायों के बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया।
70 किमी सफर करते हैं बच्चे
कई बच्चे तो मैच के दिन सुबह छह बजे उठकर 70 किमी का सफर करते थे। ’ गोल्डन बेबी लीग परियोजना को एआईएफएफ ने 2018 में 6-12 साल के बच्चों के लिए शुरू किया था। इसका लक्ष्य लिंग, धर्म, आर्थिक हालात और नस्ली भेदभाव के बिना फुटबॉल की सुविधाएं मुहैया कराना है। इस परियोजना के पीछे विचार यह है कि लड़के और लड़कियों की नई पीढ़ी कम उम्र से ही खेल खेलना शुरू करे।