President did not give time to meet Captain Amarinder and Navojat Singh Sidhu sitting on the dharna at Rajghat
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कृषि कानून के मुद्दे पर उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मुलाकात का समय नहीं दिए जाने पर राजघाट पर धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र का हमारे किसानों के प्रति रवैया और राज्य के अधिकारों को कम आंकना सही नहीं है। मुख्यमंत्री के रूप में, मेरे राज्य और मेरे लोगों के अधिकारों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। आपको बता दें कि घरने पर उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद हैं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम राष्ट्रीय ग्रिड से उन फंडों से बिजली खरीद रहे हैं जिनके साथ हम बचे हैं। त्रैमासिक जीएसटी प्राप्त करने की संवैधानिक गारंटी मार्च से पूरी नहीं हुई है और लंबित है। 10,000 करोड़ रुपये देय है। यह सौतेला व्यवहार गलत है। यह कोई ‘मोर्चा-बंदी’ नहीं है। हमने पंजाब में स्थिति के बारे में बताने के लिए राष्ट्रपति से समय मांगा, जो उन्होंने नहीं दिया। इसलिए हमने सोचा कि हम इस मामले पर अपने विचार साझा करेंगे। मैंने पीएम से समय नहीं मांगा है लेकिन मैं उचित समय पर पहुंचूंगा।
This is not a ‘morcha-bandhi’. We asked for time with the President to explain the situation in Punjab which he didn’t give. So we thought we’d come and share our views on the matter. I haven’t asked for time from the PM but I will in due course: Capt Amarinder Singh, Punjab CM https://t.co/au2DWF8s02
— ANI (@ANI) November 4, 2020
मुख्यमंत्री कार्यालय ने 21 अक्टूबर को राष्ट्रपति से चार नवंबर को अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के लिए मुलाकात का समय मांगा था और पंजाब विधानसभा द्वारा पिछले महीने पारित कृषि विधेयकों को मंजूरी देने की मांग की थी जो केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पारित किया गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति भवन ने मुलाकात का समय देने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान केंद्र द्वारा मालगाड़ियों के परिचालन को रोकने की वजह से पंजाब में बिजली संकट और आवश्यक सामानों की कमी को भी उजागर किया जाएगा। रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि पटरियों पर से अवरोधक हटा लिए गए हैं और मालगाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी जा रही है।
पंजाब विधानसभा ने पिछले महीने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए तीन विधेयक पारित किए हैं। इसके साथ ही इन कृषि विधेयकों पर उनकी मंजूरी के लिए चार नवंबर या किसी भी उचित तारीख पर राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय मांगने के लिए सर्वदलीय प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रस्ताव के अनुरूप 21 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन को मुलाकात के लिए पत्र भेजा गया और इस संबंध में 29 अक्टूबर को भी स्मरण पत्र भेजा गया।
राष्ट्रपति भवन ने हालांकि, सोमवार को मुख्यमंत्री और उनके नेतृत्व में आने वाले प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय देने से मना कर दिया और कहा कि राज्य के कृषि विधेयक अब भी राज्यपाल के पास विचार के लिए लंबित है।