gaanw men corona sankat: rural India economy: गांव में कोरोना के गंभीर संकट की वजह से ऑटो बिक्री पर असर पड़ेगा
हाइलाइट्स:
- पिछले साल Covid का असर ग्रामीण इलाकों (Rural India) पर नहीं पड़ा था।
- कोरोना संकट के बाद ग्रामीण इलाकों से आटोमोटिव कारोबार के लिए जोरदार मांग निकल कर सामने आई थी।
- इस साल भी मॉनसून सामान्य रहने की वजह से फसल उपज का रिकॉर्ड बन सकता है।
- अब ग्रामीण भारत (Rural India) के लोग भी बड़ी खरीदारी से बच सकते हैं।
देश में कोरोना संकट (Covid Crisis) के दूसरे चरण की वजह से आटोमोटिव इंडस्ट्री (Auto Industry) काफी दबाव में है। पिछले साल कोरोनावायरस संकट के बाद आटोमोटिव इंडस्ट्री (Auto Industry) में तेज रिकवरी देखी गई थी क्योंकि Covid का असर ग्रामीण इलाकों (Rural India) पर नहीं पड़ा था। पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया था और इस वजह से कोरोनावायरस के मामले कम पड़ने के बाद ग्रामीण इलाकों से आटोमोटिव कारोबार के लिए जोरदार मांग निकल कर सामने आई थी।
देश के आटोमोटिव सेल्स (Auto sales) में ग्रामीण बाजार (Bharat) की हिस्सेदारी 30 से 50 फ़ीसदी तक है। कोरोनावायरस संकट के पहले चरण में ग्रामीण इलाके (Rural India) पर covid 19 ke कम असर की वजह से यह असर देखा गया था। इस वजह से देश के शहरों से पहले ग्रामीण इलाकों (Rural India) में आटोमोटिव इंडस्ट्री (Auto Industry) की सेल में रिकवरी दर्ज की गई थी।
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टालने लगे हैं बड़ी खरीदारी
कोरोना संक्रमण (Covid Infection) के दूसरे चरण में ग्रामीण भारत (Rural india) से लोगों के मरने की काफी खबरें आ रही हैं। ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था (Rural Economy) में कृषि सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है और भारत सरकार का अनुमान है कि इस साल भी मॉनसून सामान्य रहने की वजह से फसल उपज का रिकॉर्ड बन सकता है। इसके बाद भी ग्रामीण इलाके के ग्राहकों के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। ग्रामीण इलाके (Rural india) में कोरोनावायरस संकट बढ़ने की वजह से लोग अब जोखिम लेने से बच रहे हैं और वाहन जैसी बड़ी खरीदारी को टाल रहे हैं।
आंकड़ों की मदद से गांव को समझें
भारत की जीडीपी (GDP) में राज्यों का हिस्सा करीब 80 फ़ीसदी है, जबकि ऑटो कंपनियों की बिक्री (Auto Sales) में राज्यों की हिस्सेदारी 90 फीसदी है। देश के कई राज्यों में कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। देश में कोरोनावायरस संकट बढ़ने की वजह से मेडिकल पर 90,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त खर्च किया जा सकता है। ग्रामीण इलाके (Rural Economy) से इस रकम की 33 फ़ीसदी हिस्सेदारी आने का अनुमान है। इस वजह से आशंका जताई जा रही है कि अब ग्रामीण भारत (Rural India) के लोग भी बड़ी खरीदारी से बच सकते हैं।
कोरोना संक्रमण गांव में कितना
कोरोना के सेकेंड वेव (second wave) में ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी 45 से 80 फ़ीसदी तक है। मार्च में देश के ग्रामीण जिले में कोरोना संक्रमण (Covid infection) करीब 37 फ़ीसदी था जो मई में बढ़कर 48 फ़ीसदी को पार कर गया है।अगर देश की कुल राष्ट्रीय आय की बात करें तो इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) की हिस्सेदारी 45-46 फीसदी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) में एक तिहाई लोग आमदनी के लिए खेती पर निर्भर हैं।
कार बिक्री पर दिखने लगा असर
मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने कहा, “ग्रामीण बाजारों (Rural India) से अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से कमजोरी की खबरें आने लगी है। जहां तक कार खरीदारी का सवाल है, इसमें सेंटीमेंट की बड़ी भूमिका होती है।”
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