Army Khairiyat Petrol Team Preparing People In Kashmir For Fight With Corona – जीत का भरोसा: कोरोना से जंग में अवाम के साथ उतरी सेना की खैरियत पेट्रोल टीम, टीकाकरण में भी कर रही सहयोग

बृजेश कुमार सिंह, अमर उजाला, जम्मू
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 11 May 2021 12:23 AM IST

सार

जम्मू-कश्मीर में सेना आतंकवाद और सरहद की चुनौतियों से जूझने के साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग में भी पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। संकट की इस स्थिति में दुर्गम पहाड़ियों पर अवाम की मदद के लिए पहली बार सेना ने खैरियत पेट्रोल टीम का गठन किया है। 

लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करती खैरियत पेट्रोल टीम
– फोटो : amar ujala

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जम्मू-कश्मीर में सेना आतंकवाद और सरहद की चुनौतियों से जूझने के साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग में भी पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। संकट की इस स्थिति में दुर्गम पहाड़ियों पर अवाम की मदद के लिए पहली बार सेना ने खैरियत पेट्रोल टीम का गठन किया है। कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यह टीम दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुंच रही है। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ ही किट भी प्रदान कर रही है। टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने में भी सहयोग कर रही है। इसके लिए लोगों को केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने के साथ ही कई केंद्रों पर तो सेना की देखरेख में टीकाकरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 

सेना की ओर से उत्तरी कश्मीर के बारामुला, बांदीपोरा व कुपवाड़ा, दक्षिणी कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित शोपियां व पुलवामा, जम्मू संभाग के रामबन के गूल, रियासी के माहौर, पुंछ व राजोरी में सेना की ओर से खैरियत पेट्रोल टीम लोगों की सेहत का ख्याल रख रही है। टीम में सेना के जवानों के साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ भी होते हैं जो गांव में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। साथ ही उन्हें कोरोना से जंग के लिए तैयार करते हैं। उन्हें बताते हैं कि वे स्वयं ही इसे पराजित कर सकते हैं। इसके लिए कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। टीम उन्हें साधारण भाषा में यह समझाने की कोशिश करती है कि यह बीमारी स्वयं नहीं आती, बल्कि लोग इसे खुद अपने पास बुलाते हैं। इसलिए सजग रहना है। मास्क के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन कर काफी हद तक इसे रोका जा सकता है। टीम की ओर से ग्रामीणों के बीच मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट और दवाइयों का भी वितरण किया जाता है।

मरीजों के लिए कोविड अस्पताल बनवाया
सेना ने कोरोना से जंग में जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगह कोविड अस्पताल का भी निर्माण किया है। श्रीनगर के रंगरेथ में 200 व जम्मू के दोमाना में 100 बेड का अस्पताल बनाया है। उत्तरी कश्मीर के बारामुला व उड़ी में कश्मीरी अवाम की सेहत के लिए 20-20 बेड का अस्पताल स्थापित किया है। इन सबके अलावा स्थानीय प्रशासन की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर के सभी सैन्य अस्पतालों में रेफर किए गए कोरोना मरीजों के इलाज की भी अनुमति दे दी गई। 

सेना की ओर से पहली बार खैरियत पेट्रोल टीम का गठन किया गया है। यह इस वजह है कि जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियां काफी जटिल हैं। दुर्गम इलाकों के लोगों तक मेडिकल सहायता पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है। जरूरतमंदों को टीकाकरण और कोरोना से बचाव की आवश्यक सामग्री मिल सके, इसका ध्यान रखकर काम किया जा रहा है। जम्मू और कश्मीर दोनों ही संभाग में जवान फर्ज को बखूबी निभा रहे हैं। उद्देश्य कोरोना के खिलाफ जंग जीतकर सशक्त भारत का निर्माण करना है। – कर्नल देवेंद्र आनंद, प्रवक्ता-सेना

विस्तार

जम्मू-कश्मीर में सेना आतंकवाद और सरहद की चुनौतियों से जूझने के साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग में भी पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। संकट की इस स्थिति में दुर्गम पहाड़ियों पर अवाम की मदद के लिए पहली बार सेना ने खैरियत पेट्रोल टीम का गठन किया है। कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यह टीम दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुंच रही है। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ ही किट भी प्रदान कर रही है। टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने में भी सहयोग कर रही है। इसके लिए लोगों को केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने के साथ ही कई केंद्रों पर तो सेना की देखरेख में टीकाकरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 

सेना की ओर से उत्तरी कश्मीर के बारामुला, बांदीपोरा व कुपवाड़ा, दक्षिणी कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित शोपियां व पुलवामा, जम्मू संभाग के रामबन के गूल, रियासी के माहौर, पुंछ व राजोरी में सेना की ओर से खैरियत पेट्रोल टीम लोगों की सेहत का ख्याल रख रही है। टीम में सेना के जवानों के साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ भी होते हैं जो गांव में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। साथ ही उन्हें कोरोना से जंग के लिए तैयार करते हैं। उन्हें बताते हैं कि वे स्वयं ही इसे पराजित कर सकते हैं। इसके लिए कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। टीम उन्हें साधारण भाषा में यह समझाने की कोशिश करती है कि यह बीमारी स्वयं नहीं आती, बल्कि लोग इसे खुद अपने पास बुलाते हैं। इसलिए सजग रहना है। मास्क के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन कर काफी हद तक इसे रोका जा सकता है। टीम की ओर से ग्रामीणों के बीच मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट और दवाइयों का भी वितरण किया जाता है।

मरीजों के लिए कोविड अस्पताल बनवाया

सेना ने कोरोना से जंग में जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगह कोविड अस्पताल का भी निर्माण किया है। श्रीनगर के रंगरेथ में 200 व जम्मू के दोमाना में 100 बेड का अस्पताल बनाया है। उत्तरी कश्मीर के बारामुला व उड़ी में कश्मीरी अवाम की सेहत के लिए 20-20 बेड का अस्पताल स्थापित किया है। इन सबके अलावा स्थानीय प्रशासन की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर के सभी सैन्य अस्पतालों में रेफर किए गए कोरोना मरीजों के इलाज की भी अनुमति दे दी गई। 

सेना की ओर से पहली बार खैरियत पेट्रोल टीम का गठन किया गया है। यह इस वजह है कि जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियां काफी जटिल हैं। दुर्गम इलाकों के लोगों तक मेडिकल सहायता पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है। जरूरतमंदों को टीकाकरण और कोरोना से बचाव की आवश्यक सामग्री मिल सके, इसका ध्यान रखकर काम किया जा रहा है। जम्मू और कश्मीर दोनों ही संभाग में जवान फर्ज को बखूबी निभा रहे हैं। उद्देश्य कोरोना के खिलाफ जंग जीतकर सशक्त भारत का निर्माण करना है। – कर्नल देवेंद्र आनंद, प्रवक्ता-सेना

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