Uttar Pradesh Panchayat Election: UP Panchayat Chunav: सगों को चुनाव लड़वाने का ‘कौशल’ BJP नेताओं को पड़ ना जाए भारी – bjp mp and leaders fielding family members in up panchayat election

लखनऊ
भाजपा ने पंचायत चुनाव में किसी सांसद और विधायक के रिश्तेदार को अपना समर्थित प्रत्याशी न बनाने की घोषणा की थी। लेकिन मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर खीरी में पूर्व सांसद जुगुल किशोर ने पार्टी लाइन को दरकिनार कर पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ ही अपने सगों को मैदान में उतार दिया है। दोनों के इस कदम को पार्टी में ‘बगावत’ के तौर पर देखा जा सकता है।

मोहनलालगंज सीट से बीजेपी सांसद कौशल किशोर संगठन और क्षेत्र में लगातार अपना दबदबा बनाए हुए हैं। वह खुद सांसद होने के साथ ही भाजपा अनुसूचित मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी मलिहाबाद सीट से विधायक हैं। अपना दम-खम और बढ़ाने के लिए वह बहू श्वेता किशोर को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाना चाहते थे।

सात और आठ अप्रैल को नामांकन होना था। जिसे बीजेपी समर्थित प्रत्याशी बताया जा रहा है, उसने नामांकन पत्र ही नहीं खरीदा था। उसे पता ही नहीं था कि उसको नामांकन करना है। आठ अप्रैल को भी जब उसकी ओर से नामांकन नहीं हुआ तो बहू श्वेता का नामांकन करवाया गया।

कौशल किशोर, सांसद बीजेपी

सूत्रों के मुताबिक माल द्वितीय वॉर्ड से बहू को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाने का प्रस्ताव लेकर वह पार्टी के बड़े नेताओं के समक्ष गए भी थे। सांसद या विधायक को चुनाव न लड़वाने की पार्टी की नीति सामने आने के बाद लगा था कि वह शांत हो जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी ने इस वॉर्ड से हरिओम राज का नामांकन करवाने की घोषणा की थी।

आठ अप्रैल को नामांकन के अंतिम दिन सांसद ने अपनी बहू का पर्चा भरवा कर पासा पलट दिया। अब हरिओम का कहना है कि दस्तावेज अधूरे थे, इसलिए वह नामांकन नहीं कर सके। हालांकि इलाके में चर्चा है कि सांसद के दबदबे की वजह से उन्होंने कदम पीछे खींच लिए। पार्टी में चर्चा कि श्वेता चुनाव जीतती हैं तो सांसद उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़वाने का भी दबाव बनाएंगे।

माल द्वितीय वार्ड से हरिओम राज को समर्थित प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन नामांकन के लिए वे अपने दस्तावेज ही तैयार नहीं कर पाए। उनके पास नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं था इसलिए वे नामांकन नहीं कर पाए।

किशन लोधी, जिलाध्यक्ष भाजपा

यहां पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ उम्मीदवार
लखीमपुर-खीरी में पूर्व सांसद और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जुगुल किशोर की पत्नी दमयंती किशोर ने मितौली चतुर्थ और बेटे गौरव सिंह मिलौती प्रथम वॉर्ड से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन किए हैं। दमयंती विधायक सौरभ सिंह सोनू की मां और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं। बीजेपी की अधिकृत सूची में मितौली चतुर्थ से शांति देवी भार्गव और प्रथम से सुरेश चंद्र पुष्कर का नाम घोषित किया गया था। इन दोनों ने सात अप्रैल को ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जाकर पर्चा भरा था।

भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों पर कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जो चुनाव लड़वाएंगे उन्हें छह वर्षों के लिए पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किया जाएगा।

स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

पूर्व विधायक पार्टी से निकाले गए
झांसी के वॉर्ड नंबर-3 भरोसा से भाजपा उम्मीदवार पवन गौतम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बबीना के पूर्व विधायक सतीश जतरिया को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। वहीं, डॉ. विवेक द्विवेदी को भी चुनाव लड़ने के कारण कानपुर-बुदेलखंड क्षेत्र के पंचायत चुनाव संयोजक से मुक्त कर दिया गया है।

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