Shabnam s photo of seven killers changed to jail as soon as the photo went viral two detained guards suspended

अमरोहा के बावनखेड़ी में मां-बाप समेत सात परिजनों की हत्या की दोषी शबनम की मुस्कुराती हुई तस्वीर वायरल होने के मामले में रामपुर जेल प्रशासन ने दो बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही आनन-फानन में शबनम को रामपुर जिला जेल से बरेली जिला जेल शिफ्ट कर दिया गया।

शबनम ने 14 अप्रैल 2008 को अमरोहा के वाबनखेड़ी गांव में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पूरे परिवार को खत्म कर दिया था। उसने पिता, मां, भाई, भाभी और मासूम भतीजे समेत सात की हत्या कर देश भर में सनसनी फैला दी थी। शबनम और सलीम दोनो को फांसी की सजा हो चुकी है। राष्ट्रपति के यहां से दया याचिका और न्यायालय से पुर्नविचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। शबनम द्वारा राष्ट्रपति से दया के लिए दोबारा लगाई गई गुहार के कारण फिलहाल उसकी फांसी कुछ दिन टल गई है। उसकी फांसी की तैयारी मथुरा जेल में तो प्रेमी सलीम की फांसी की तैयारी इलाहाबाद के नैनी जेल में चल रही है।

बता दें कि बीते 24 फरवरी को अमरोहा में जिला जज ने शबनम की फांसी की तिथि पर पर फैसला टाला और उधर शबनम का एक मुस्कुराता हुआ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दावा किया गया कि यह तस्वीर फांसी टलने के बाद की है। मामला बढ़ा तो जेल प्रशासन ने जांच बिठा दी।

दो बंदीरक्षक दोषी मिले
आंतरिक जांच में पाया गया कि तस्वीर जेल के अंदर ही 26 जनवरी को कार्यक्रम के दौरान खींची गई थी। जांच के बाद आरोपी दोनों बंदी रक्षकों नाहिद बी और शोएब खां को निलंबित कर दिया गया और शबनम व मुरादाबाद की आजीवन सजायाफ्ता आरती शर्मा को यहां से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया। साथ ही विभागीय जांच मुरादाबाद के जेलर को दी गई है।

बोले अधिकारी
जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया ने कहा कि शबनम का मुस्कुराते हुए फोटो वायरल हुआ था, जिसकी जांच में पाया गया कि यह फोटो 26 जनवरी के कार्यक्रम में खींचा गया था। इसमें दो बंदी रक्षकों का नाम प्रकाश में आया, दोनों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं शबनम और आरती शर्मा को बरेली जिला जेल के लिए शिफ्ट किया गया है।

यह है मामला
अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था। शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका खारिज कर दी है। शबनम के वकील ने अब राज्यपाल को एक दया याचिका भेज रखी है। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। 

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